Urdu shayari - उर्दू शायरी - Urdu sher
उर्दू एक ऐसी भाषा है जो अपनी सादगी के लिए जानी जाती है. और एक चीज़ जिसके लिये बोहोत मशहूर है वो है उर्दू शायरी. शाायरी में तो वेे वैसे बोहोतसे प्रकार है जैसे कि :-
उर्दू शायरी के कुछ प्रकार:-
- नज़्म
- शेर
- ग़ज़ल
इसमेसे ही एक प्रकार आपके लिए आज हम लाएं है कुछ उर्दू शेर आपके लिए जो लिखे है ऋषिकेश जी ने.
New shayari in urdu
काटोंपे चलने की आदतसी होगयी है अब तो
जख्म भी अपने लगने लगे है,
मुश्किलोसे भरी जिंदगी यूँ
खुशी के दो पल के लिए तरसी है
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Urdu shayari on love |
कल की बात छोड़,
आजका दिन पूरा निचोड़
कल फिर वही भागदौड़
वही चेहरे है देखने, आज
खुदके चेहरेसे तो बात कर
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Urdu shayari on life |
क्या लिखूं? बोहोत वक्त बीत गया
कुछ लिखें हुए ये लफ्ज़ोंका ख़सारा है
या ग़म थोड़ा कम पड़ने लगा है मेरी ज़िंदगी मे?
ख़सारा --- loss
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Urdu shayari on life |
अंधेरे चिरती हुई आयी एक रोशनी इस जिंदगी मैं
उस रोशनी मैं थोड़ीसी चमक की कमी थी
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Urdu shayari on life |
नींद ढूंढ रहा हूँ एक अरसेसे तुम्हे मिली तो नही?
वो तो तकियेपर पड़ी मिल जाया करती थी पेहले
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Urdu shayari on love |
बोहोत किया लोगोंके लिए बस खुदके लिए करना
भूल गया खुदसे ज़्यादा एहमियत दे बैठा मैं दूसरोंको
इस मतलबी दुनियामें थोड़ा खुदगर्ज़ होना भुल गया
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Urdu shayari on life |
आता है कभी कभी मुश्किलों भरा वक़्त जरासा सब्र तो रखिए,
याद रखना खौफनाक रात के बाद हमेशा उमीदभरी सुबह होती है.
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Positive shayari |
दूसरोके लिए हूँ मैं पुरा अपने लिए जरा भी नहीं ज्यादा
नहीं बस चंद लम्होकी है ख्वाहिश तुझसे क्या
मेरे नसीब मैं एक भी लम्हा नहीं ?
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Urdu shayari on love |
मैने अदब-ए-वफ़ाई पर हर एक बात केह दी
उस कम्बख्तने तो बेवफाई पर पुरी किताब लिख दी
मेरा इश्क़ तो था सच्चा किसी दुआ की तराह
पर उसके इश्क़ मैं तो दुनियाभर की मिलावट थी
वफ़ाई--loyalty
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Urdu shayari on love |
अभी शुरुवात है जाना बोहोत दूर है
हा माना मैरे हालात थोड़े मजबूर है
मुझे अब नही रोक सकती ये नाकामी की दीवारें
मेरे सर पर अभी कामियाब होने का जो फितूर है
फितूर-- mad about something.
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Urdu shayari on life |
हर कोई लड़ रहा अपने अंदर एक जंग
हर कोई है अपने हालातोंसे तंग
इंसानियत का जमाना गया सच्चाई यहा बंद
ये ज़िन्दगी अब ज़िन्दगी ना रही बनगई शतरंज
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shayari on life |
दिमागमें भरे शोर को ये रात के सन्नाटे कबूल नहीं
अंधेरोकि आदत है मुझे, ये उजाले हमें मंजूर नहीं
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Shayari on life |
भले तुम खिलाओ' रोटियाँ सोनेकी याद रखना
बदलेमे तुम्हे पत्थरहि परोसे जाएंगे, अब आदत
डाललो मेरे दोस्त अच्छाई यहाँ कोडियोके दाम बिका करती है.
इंसानके भेस मैं शैतानियत घूमा करती है।
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Shayari on life |
छिनले मुझसे मेरा सबकुछ
बदलेमें उसे खैरियत अदा करदे
भिक मांगता हूं ए खुदा
मेरी बस ये मुराद पूरी करदे.
खैरियत = wellness
मुराद = Wish
क्यों जिस्मों के समंदरमें हो जिंदासी एक लाश?
ज़िन्दगी है बेमक़सद तेरी क्यों करे ये मतलबभरी बात?
दूसरेका निवाला नोच तू सिर्फ़ अपने बारेमे सोच
दूसरोंका बन सहारा ना बन यूँ माँ-बाप पर अपने बोझ
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Shayari on life |
मुझसे हर एक लफ्ज़ बात करते है
कुछ मिसरे बीता हुआ कल याद करते है
मैं आजभी महखाने में दोस्त नही लेजाता
कुछ दर्द होते है साथ जो जाम भरने का काम करते है
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Urdu shayari |
मैं चिराग़ जो बुझ जाए दूसरोंको रोशन कर
मैं अंधेरा जो छुप जाए अल्मारीमे उजाले फेर कर
मैं रात जो बीत जाए सुनेहरी चांदनी बिखेर क
मैं इंसान जो जिंदा रह जाए इंसानियत के दम पर
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Urdu shayari |
निंद नही आती, एक अरसा होगया
सपनोंका वो महल अब क़ब्रिस्तान होगया
मैं बेज़ार रहता था कुछ महीने पहले
अब कुछ महीने बाद और बेज़ार होगया
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Urdu sad shayari |
ये तो आगाज है बस सबकी तबाही का
लाशों के समंदर अभी पार करना बाकी है,
एक इंसान दूसरेकी जान ले, बनजाए आदमखोर.
और जनाब हमें थोड़ी इंसानियत बचानी बाकी है
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Corona virus shayari |
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