आपको इस साल के Independence day की शुभकामनाएं. आपके लिए कुछ Independence day shayari लेके हैम आये है हम आशा करते है कि ये शायरी
और कविता आपको पसंद आये. धन्यवाद।
में नए भारत का चेहरा -Independence day shayari
इतिहास का मैं आईना हूँ
तहज़ीब का रंग सुनहरा हूँ
गंगा-जमुना मेरी आँखें
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं कल भी था, मैं आज भी हूँ
मैं नव-युग का अंदाज़ भी हूँ
सारी दुनिया का घर मुझ में
इस मिट्टी का आदर मुझ में
मैं देशभक्त भी गहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं बेटी की मुस्कान में हूँ
मैं नारी के सम्मान में हूँ
मैं बेटी की मुस्कान में हूँ
मैं नारी के सम्मान में हूँ
विज्ञान में और किसान में हूँ
हर वीर में और जवान में हूँ
मैं सीमाओं का पहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
अब चाँद पे पाँव जमाना है
सूरज से आँख मिलाना है
इक नया सवेरा लाना है
संकल्प नया दोहराना है
ना ठहरा था, ना ठहरा हूँ
ना ठहरा था, ना ठहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
मैं नए भारत का चेहरा हूँ
स्वतंत्रता क्या है? - Independence day shayari
हम जानते हैं कि स्वतंत्रता क्या है?
हमने ब्रिटिश के शिकारी को सहन नहीं किया है ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिसने अपना सब कुछ खो दिया है ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जिन्होंने हर तरह से अवरोधों को देखा है ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जिन्होंने अंधेरे से भरे दिन देखे हैं ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिन्होंने सेलुलर (जेल) में अपना जीवन बिताया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिन्होंने अपने देश से प्यार किया, उनके जीवन से अधिक ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिनके परिवार विभाजन के दौरान अलग हो गए ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जिन्होंने देश की खातिर अपना घर छोड़ दिया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जो उनके चेहरे पर एक मुस्कान के साथ लटका हुआ है ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
देश की खातिर कौन सब कुछ भूल गया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिन्होंने माथे पर अपने खून से निशान लगाया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जो अपने बेटे को खून से सना हुआ देखकर मुस्कराया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
किसने खो दिया उनकी आंखों का सेब ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जो मौत की आगोश में समा कर सो गया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जिन्होंने झुकने के बजाय अपना सिर काट दिया ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछें,
जिसका बेटा कभी घर नहीं लौटा ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिन्होंने अपने बेटे की मौत पर "जय हिंद" का नारा बुलंद किया
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिसने पहली बार तिरंगा फहराया ...
हमने इसके लिए (स्वतंत्रता) क्या किया?
बस इसे हमारे पूर्वजों से विरासत में मिला है ...
उनसे स्वतंत्रता की कीमत पूछो,
जिन्होंने इसके लिए भुगतान किया है
भारत देश - Independence day shayari
यह हमारा देश है
इसे धर्म, जाति और रंग के
आधार पर बांटना ठीक नहीं है।
अन्यथा सोचें
सोचो, क्या होगा?
क्या होगा ?
जब पेड़, पौधे और जानवर वितरित करेंगे।
जब हिंदू गाय के लिए लड़ेगा
और मुस्लिम बकरी के लिए लड़ेंगे।
हिंदी के लिए लड़ेंगे
फ़िकस, केला और आम के पेड़।
और मुस्लिम के लिए लड़ेंगे
नीम का पेड़।
क्या होगा? जरा सोचो !
क्या होगा ?
जब बाजार में चीजों को
रंगों में विभाजित किया जाएगा
हिंदू कहेंगे, सारा भगवा रंग हमारा होगा
और मुसलमान कहेंगे, ग्रीन हमारा होगा
तब शायद, यह लड़ाई होगी
कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया
क्योंकि हम खाने के लिए भी लड़ेंगे।
जब फलों, सब्जियों और अनाज
सभी को विभाजित किया जाएगा।
फिर हमारे जीवन के लिए क्या बचेगा।
क्या होगा? जरा सोचो !
क्या होगा?
जब हिंदू रेड की चीजों के लिए लड़ेगा।
और मुस्लिम ग्रीन की चीजों के लिए लड़ेंगे।
फिर सेब, गाजर और चुकंदर
हिंदू पक्ष जाएगा।
और सभी ग्रीन सब्जियां मुस्लिम पक्ष में जाएंगी।
खेतों में सभी नए हरे पौधे
मुस्लिम का हिस्सा होगा
तब शायद, हिंदू असहाय हो जाएगा।
क्या होगा ? जरा सोचो !
क्या होगा ?
जब पृथ्वी और आकाश को विभाजित किया जाएगा।
तब किसी को पता नहीं है
ब्लू स्काई और पूरी प्रकृति
जो सभी को जीवन देते हैं
जैसे वन, नदियाँ, वायु
ये सब कौन रखेगा?
क्या हम उनके लिए भी लड़ेंगे?
क्या उगता सूरज भी किसी का हिस्सा होगा?
या यह हिंदू का हिस्सा होगा
सिर्फ इसकी केसरिया रंग की वजह से
फिर चंद्रमा का क्या
हो सकता है, चंद्रमा मुस्लिम का हिस्सा होगा।
क्या होगा ? जरा सोचो !
इसलिए कृपया, इस हिंदू-मुस्लिम लड़ाई को रोकें।
अन्यथा हमारे सेक्युलर लड़ाई में
कोई अन्य लाभ उठाएगा
और हमारा देश फिर से गुलाम हो जाएगा।
हम एक हैं
हमारा राष्ट्र एक है
2 line's Independence day shayari
इसी जगाह इसी दिन तो हुआ था ये ऐलान
अंधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान…
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लहु वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए आज़ादी![]() |
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